Saturday, March 31, 2018

राजस्थानी मुहावरे

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  • अकल बिना ऊंट उभाणा फिरैं ।
  • अगम् बुद्धि बाणिया पिछम् बुद्धि जाट ...बामण सपनपाट ।
  • आंध्यां की माखी राम उडावै ।
  • आसोजां का पड्या तावडा जोगी बणग्या जाट ।
  • काम का ना काज का ... ढाई मण अनाज का ।
  • कौड़ी बिन कीमत नहीं सगा नॅ राखै साथ, हुवै जे नामों (रूपया) हाथ मैं बैरी बूझै बात।
  • खेती करै नॅ बिणजी जाय, विद्या कै बल बैठ्यो खाय ।
  • गादड़ै की मोत आवै जणा गांव कानी भागै।
  • घी सुधारै खीचड़ी, और बड्डी बहू का नाम ।
  • छड़ी पड़ै छमाछम, विद्या आवै धमाधम।
  • ज्यादा स्याणु कागलो गू मैं चांच दे ।
  • जंगल जाट न छोड़िये,हाटां बीच किराड़। रांगड़ कदे न छोड़िये,ये हरदम करे बिगाड़।।
  • जमीन ऍर जोरु जोर की नहीं तो कोई और की।
  • जाट मरा जब जानिये जब चालिसा होय ।
  • जैं करी सरम, बैंका फूट्या करम ।
  • दियो लियो आडो आवै ।
  • दूसरे की थाळी मँ घी ज्यादा दीखॅ।
  • पूत का पग पालणें में ही दीख जा हीं ।
  • पीसो हाथ को, भाई साथ को ही काम आवै ।
  • बैठणो छाया मैं हुओ भलां कैर ही, रहणो भायां मैं हुओ भलां बैर ही ।
  • सावण भलो सूर'यो भादुड़ो पिरवाय, आसोजां मैं पछवा चाली गाडा भर भर ल्याव ।

Tuesday, May 22, 2012

मीरा को ज़हर आप पिलाते क्यों हो

नहीं मिलना तो भला याद भी आते क्यों हो

इस कमी का मुझे एहसास दिलाते क्यों हो

डर तुम्हे इतना भी क्या है कहो ज़माने का
रेत पे लिख के मेरा नाम मिटाते क्यों हो

दिल में चाहत है तो काँटों पे चला आएगा
आप पलकों को गलीचे सा बिछाते क्यों हो

हम पर इतने किए उपकार सदा है माना
हम को हर बार मगर आप गिनाते क्यों हो

जाने किस वक्त तुम्हे इनकी ज़रूरत होगी
आप बे वक्त ही अश्कों को गिराते क्यों हो

यारी पिंजरे से ही कर ली है जब परिंदे ने
आसमां उसको खुला आप दिखाते क्यों हो

ज़िंदगी फूस का इक ढेर है इसमें आकर
आग तुम इश्क की सरकार लगाते क्यों हो

मुझको मालूम है दुश्मन नहीं हो दोस्त मेरे
मुझसे खंजर को बिना बात छुपाते क्यों हो




















इश्क मरता नहीं, है पता सदियों से
फ़िर भी मीरा को ज़हर आप पिलाते क्यों हो

Thursday, December 15, 2011

एक अहसास सी जिंदगी मिल गई..

समीर
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देखा तुझे जबसे
बस तबसे जीने की वजह मिल गई
तेरे साथ जिंदगी खुबसूरत होगी
ये वजह मिल गई
सभी कायदे और किताबे
अब छोड़ दिए पढने मैंने
बस तेरे अहसास के साथ
एक अहसास सी जिंदगी मिल गई

-
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तेरे लिए वो सब कुछ करना जो किसे ने कभी किया ना हो किसी ने कभी सोचा ना हो..

वो चेहरे पे बनावट का गुस्सा
वो उसकी आंखों मे छलकता प्यार भी
तेरी इस अदा को क्या कहे
कभी इकरार भी कभी इनकार भी
मुझे मिला वक्त तो तेरी जुल्फे सुलझा दूंगा
अभी तो ख़ुद वक्त से उलझा हूँ
एक दिन वक्त को उलझा दूंगा
दिल ये अब कुछ मानता नही 
तेरे सिवा अब ये कुछ जानता नही
पहले मेरे पास होती थी हजारो बातें करने को
आजकल तेरे सिवा कोई बात हो
वो दिन कैलंडर मे आता नही
हर पल तुझे याद करना तुझे सोचना
तुझे बेंतेहा प्यार करना और

Wednesday, November 30, 2011

जिस दिन तुम आ जाते हो, सचमुच घर जैसा लगता है......

दीवारों का ये जंगल जिसमें सन्नाटा पसरा है ..
जिस दिन तुम आ जाते हो, सचमुच घर जैसा लगता है


उसका चर्चा हो तो मन में लहरें उठने लगती हैं
उसका नाम झील में गिरते कंकर जैसा लगता है

पानी, धूप, अनाज जुटा लूं ......
फिर तेरा सिंगार निहारूं

दाल खदकती, सिकती रोटी ...
इनमें ही करतार निहारूं

तेज़ धार ओ' भंवर न देखूं
मैं नदिया के पार निहारूं ......

Tuesday, December 14, 2010

Gujarati Romantic 1

Na sarovar ma dubya , na samandar ma dubya.
Dubi gaya tamari ankho ni jheel ma,
Ek jotish ni kaheli vaat che,
Mane sacche j pani ni ghaat che…


Lakhi lejo hatheli ma naam maru,
sneh na desh ma che dhaam maru
Koik divas jo taras lagse tamne,
hatheli thi pani pita yaad aavse naam maaru.

Monday, November 1, 2010

To lay a kiss on your lips,
so gentle and delicateis like picking the drops of dewoff the petals of a rose.
I hold you close and feel safe,sheltered in from the rain,
from the storms that grow and surround me.
I take your hand and look into your eyesand see a heart made of gold and soul so pure.
You see you are an angel, an angel to me.
I could not help but fall madly in love with you, the one who stole my heart.
I’m glad you didbecause I could never find one such as you...
Some one who makes each day the best,each laugh the longest, each tear the saddest, and a life, my life, worthwhile.

राजस्थानी मुहावरे

https://www.facebook.com/ImRameshwar/ अकल बिना ऊंट उभाणा फिरैं । अगम् बुद्धि बाणिया पिछम् बुद्धि जाट ...बामण सपनपाट । आंध्यां की माखी रा...