Sunday, November 1, 2009

दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूं,


खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, ..
दोस्तॊं से दोस्ती तो हर कोई निभाता है.. दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूं,
 

जो हम उडे ऊचाई पे अकेले, तो क्या नया किया.. साथ मे हर किसी के पंख फ़ैलाना चाह्ता हूं,
वोह सोचते हैं कि मैं अकेला हूं उन्के बिना.. तन्हाई साथ है मेरे, इतना बताना चाह्ता हूं..
 

ए खुदा, तमन्ना बस इतनी सी है.. कबूल करना.. मुस्कुराते हुए ही तेरे पास आना चाह्ता हूं,
बस खुशी हो हर पल, और मेहकें येह गुल्शन सारा “अभी”.. हर किसी के गम को, अपना बनाना चाह्ता हूं,

एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, इस छोटी सी जिन्दगी के, गिले-शिकवे मिटाना चाहता हूँ,

सब को अपना कह सकूँ, ऐसा ठिकाना चाहता हूँ,
टूटे तारों को जोड़ कर, फिर आजमाना चाहता हूँ,
 

बिछुड़े जनों से स्नेह का, मंदिर बनाना चाहता हूँ.
हर अन्धेरे घर मे फिर, दीपक जलाना चाहता हूँ,

खुला आकाश मे हो घर मेरा, नही आशियाना चाहता हू

Thursday, October 29, 2009

How to use Ur eyes 2 make Some1 fall in Luv Wid U..!!


Let us think about very sticky eyes or superglue eyes and call them "Epoxy Eyes".
This brazen technique packs a powerful punch. Watch ur target person even when some1 else is talking. No matter who is speaking, keep looking at D Man or Women U want to Impact.

This way Mr. or Ms. Target still feels U r intrigued by his or her reactions, yet there is relief from D intensity.

If romance is on D horizon, Epoxy Eyes transmits yet another message. It says, " I can't take my eyes off U" or " I only hv eyes 4 U." Studies shows that intense eye contact plays havoc with our heartbeat. Since this is D hormone detected in D human body during erotic excitement, intense eye contact can b turn -on.

Men, Epoxy Eyes is extremely effective on women- if they find U attractive. D lady interprets her nervous reaction to ur untoward gaze as building infatuation. If she doesnt like U, However, Ur Epoxy Eyes is downright Obnoxious.

Warning By Rameshwar
(Never use Epoxy Eyes on strangers in public settings, if u do U Could get in near by police station).

Tuesday, October 6, 2009

तुमने मुझे तुम नहीं..आप ही जाना ।

कब मैं, मैं से तुम हो गयी, तुम्हारी यादों में गुम हो गयी ।
इस पर भी तुमने मेरी आरजू को न पहचाना, तुमने मुझे तुम नहीं..आप ही जाना ।

दोस्ती निभाने वाला कोई नहीं.!!

दोस्त तो हमारे भी हज़ार हैं लेकिन,
दोस्ती निभाने वाला कोई नहीं

चाहते तो हम बहुतो को हैं लेकिन,
हमें चाहने वाला कोई नहीं

अंधेरे से भरा यह रास्ता कठिन हैं मगर,
रोशनी दिखाने वाला कोई नहीं















मंजिल तो हमारे सामने हैं ,
लेकिन हमें वहां पहुंचाने वाला कोई नहीं

आज कितना तनहा,अकेला हो गया हूँ मैं,
मेरे साथ वक्त बिताने वाला कोई नहीं

क्या यही जिंदगी की कड़वी सच्चाई हैं ???
यहाँ खुशी के गीत गुनगुनाने वाला कोई नहीं

मुश्किलों के समुन्दर में फंसी कश्ती को,
किनारे पहुचाने वाला कोई नहीं

सेहरा में फंसे किसी प्यासे को,
पानी पिलाने वाला कोई नहीं

जिंदगी की इस राह में,
साथ निभाने वाला कोई नहीं

तनहा हूँ तनहा,
तन्हाई मिटाने वाला कोई नहीं

दोस्त तो हमारे भी हज़ार हैं लेकिन,
दोस्त निभाने वाला कोई नहीं...!!

राजस्थानी मुहावरे

https://www.facebook.com/ImRameshwar/ अकल बिना ऊंट उभाणा फिरैं । अगम् बुद्धि बाणिया पिछम् बुद्धि जाट ...बामण सपनपाट । आंध्यां की माखी रा...