Saturday, March 31, 2018

राजस्थानी मुहावरे

https://www.facebook.com/ImRameshwar/
  • अकल बिना ऊंट उभाणा फिरैं ।
  • अगम् बुद्धि बाणिया पिछम् बुद्धि जाट ...बामण सपनपाट ।
  • आंध्यां की माखी राम उडावै ।
  • आसोजां का पड्या तावडा जोगी बणग्या जाट ।
  • काम का ना काज का ... ढाई मण अनाज का ।
  • कौड़ी बिन कीमत नहीं सगा नॅ राखै साथ, हुवै जे नामों (रूपया) हाथ मैं बैरी बूझै बात।
  • खेती करै नॅ बिणजी जाय, विद्या कै बल बैठ्यो खाय ।
  • गादड़ै की मोत आवै जणा गांव कानी भागै।
  • घी सुधारै खीचड़ी, और बड्डी बहू का नाम ।
  • छड़ी पड़ै छमाछम, विद्या आवै धमाधम।
  • ज्यादा स्याणु कागलो गू मैं चांच दे ।
  • जंगल जाट न छोड़िये,हाटां बीच किराड़। रांगड़ कदे न छोड़िये,ये हरदम करे बिगाड़।।
  • जमीन ऍर जोरु जोर की नहीं तो कोई और की।
  • जाट मरा जब जानिये जब चालिसा होय ।
  • जैं करी सरम, बैंका फूट्या करम ।
  • दियो लियो आडो आवै ।
  • दूसरे की थाळी मँ घी ज्यादा दीखॅ।
  • पूत का पग पालणें में ही दीख जा हीं ।
  • पीसो हाथ को, भाई साथ को ही काम आवै ।
  • बैठणो छाया मैं हुओ भलां कैर ही, रहणो भायां मैं हुओ भलां बैर ही ।
  • सावण भलो सूर'यो भादुड़ो पिरवाय, आसोजां मैं पछवा चाली गाडा भर भर ल्याव ।

राजस्थानी मुहावरे

https://www.facebook.com/ImRameshwar/ अकल बिना ऊंट उभाणा फिरैं । अगम् बुद्धि बाणिया पिछम् बुद्धि जाट ...बामण सपनपाट । आंध्यां की माखी रा...