Tuesday, October 6, 2009

दोस्ती निभाने वाला कोई नहीं.!!

दोस्त तो हमारे भी हज़ार हैं लेकिन,
दोस्ती निभाने वाला कोई नहीं

चाहते तो हम बहुतो को हैं लेकिन,
हमें चाहने वाला कोई नहीं

अंधेरे से भरा यह रास्ता कठिन हैं मगर,
रोशनी दिखाने वाला कोई नहीं















मंजिल तो हमारे सामने हैं ,
लेकिन हमें वहां पहुंचाने वाला कोई नहीं

आज कितना तनहा,अकेला हो गया हूँ मैं,
मेरे साथ वक्त बिताने वाला कोई नहीं

क्या यही जिंदगी की कड़वी सच्चाई हैं ???
यहाँ खुशी के गीत गुनगुनाने वाला कोई नहीं

मुश्किलों के समुन्दर में फंसी कश्ती को,
किनारे पहुचाने वाला कोई नहीं

सेहरा में फंसे किसी प्यासे को,
पानी पिलाने वाला कोई नहीं

जिंदगी की इस राह में,
साथ निभाने वाला कोई नहीं

तनहा हूँ तनहा,
तन्हाई मिटाने वाला कोई नहीं

दोस्त तो हमारे भी हज़ार हैं लेकिन,
दोस्त निभाने वाला कोई नहीं...!!

1 comment:

James Raj said...

yaar aisa keh kar mujhe sarminda mat kar.
anyway tum kavi bnne ki achi poshis kr rhe ho.

राजस्थानी मुहावरे

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